पुदीने के ऐसे फायदे अभी तक आपने नहीं जाने होंगे

पुदीने के ऐसे फायदे अभी तक आपने नहीं जाने होंगे

पुदीना एक लोकप्रिय जड़ी बूटीयों में से एक है जिसे लोग व्यंजनों और पेयजल में ताजा या सूखे के रूप में उपयोग करते हैं। पुदीने का पौधा मूल रूप से सभी महाद्वीपों पर पाया जाता है, केवल अंटार्कटिका को छोड़कर। पुदीना लगभग एक दर्जन से अधिक पौधों की प्रजातियों के नाम है जिसमें पिपरमेंट और स्पियरमिंट शामिल हैं। इन दो प्रजातियों का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा भी अन्य किस्मे है, जिसमे जंगली पुदीना और पानी पुदीना शामिल है। जो कि मेंथा जीनस से संबंधित है। यह पौधे विशेष रूप से उनके प्रदान की जाने वाली शीतल संवेदना के लिए जाने जाते हैं।

पुदीना में पाए जाने वाले प्रमुख गुण

आयुर्वेद में लोगों ने पुदीने के पौधे की विभिन्न प्रजातियों का उपयोग किया है। विभिन्न प्रकार के पुदीने के पौधे कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट गुण और संभावित स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। पुदीने में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नियासिन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी12, आदि। इनमें सोडियम, पोटेशियम, आयरन मैग्नीशियम तथा कैल्सियम, फास्फोरस, सेलेनियम तथा जिंक जैसे खनिज भी अच्छी मात्रा में होते हैं।  इसके उल्लेखनीय औषधि गुण होने से अब तक की सबसे अधिक ज्ञात और उपयोग की जाने वाली जड़ी बूटियों में से एक बना दिया। पुदीने का इस्तेमाल हम अपनी चटनी और रास्ते में भी करते हैं और यहां तक कि इस ठंडी जड़ी बूटियों से अपनी बिरयानी को भी सजाते हैं पुदीने की पत्तियों का रस या रायता बनाया जा सकता है।

पुदीने से मिलने वाले 7 जबरदस्त फायदे

पुदीना कई खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में एक लोकप्रिय घटक है इसमें चाय और मादक पेय से लेकर सॉस़, सलाद और दवा तक शामिल है। पुदीना रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने और त्वचा की स्थिति का इलाज करने के लिए उत्कृष्ट माना गया है। गर्मियों में अपने आहार में पुदीना को विशेष रूप से जोड़ना चाहिए। पुदीना बहुत ठंडा होता है तथा पाचन और स्वास्थ संबंधी विकारों में भी सहायता करता है। पाचन को बढ़ावा देने से लेकर आपके सांसो को लंबे समय तक तरोताजा रखता है पुदीना कई लाभों से भरा हुआ है। पौधे को खाने से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं सोध से पता चलता है कि पुदीने के कई स्वास्थ्य लाभ जो इस प्रकार हैं-

 1. पाचन क्रिया में राहत

पुदीने मैं एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो पाचन की क्रिया को बेहतर बनाते हैं यह एक प्राकृतिक कार्मिनेटिव है जो पाचन तंत्र को शांत करता है अपच की समस्या और मोशन, पेट दर्द, पेट का फूलना अन्य विकारों में राहत देता है। अपच तब हो सकता है, जब भोजन पाचन तंत्र के बाकी हिस्सों में जाने से पहले बहुत देर तक पेट में रहता है कई अध्ययनों में देखा गया हैं कि, जब लोग भोजन के साथ पेपरमिंट ऑयल लेते हैं तो, भोजन पेट में तेजी से गुजरता है इस प्रकार ये अपच के लक्षण से राहत दिला सकता हैं। कई अध्ययनों से पता चला हैं कि पेपरमिंट ऑयल पेट में भोजन की गति को तेज कर सकता है, जिससे अपच से जुड़े पाचन संबंधी लक्षणों से राहत मिलती है।

2. सामान्य बुखार में

यदि आप बंद नाक से परेशान है तो, इसके निजात के लिए आप पुदीने का उपयोग कर सकते है। बस 4-6 पुदीने की पत्तियाँ लेकर इसे सूंघ ले, इससे आपको लाभ मिल सकता है। पुदीने में मेन्थॉल कि माञा उपलब्ध होती है। जो कफ और बलगम को तोड़ने में मदद कर सकती है।

यदि आप कड़ाके की ठंड से जूझ रहे हैं और ध्यान केंद्रित करने तथा सांस लेने में आपको मुश्किल हो रही हैं तो ऐसे में आप पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि पुदीने में अक्सर वेपररब और इनहेलर उपलब्ध होता है और यही कारण है की पुदीना नाक, गले तथा फेफड़ों की साफ सफाई करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा पुदीना पुरानी खांसी के कारण होने वाले जलन से भी राहत दिलाने में कारगार साबित होता हैं। मेंथॉल क्रीम या वेपररब लगाना उन बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रभावी उपचार माना जाता है जिन्हें सामान्य सर्दी जुकाम होता है।

हालांकि अमेरिकन लंग एसोसिएशन ने सलाह दी है कि, वैज्ञानिक अध्ययन ठंड के लक्षणों के प्रबंध के लिए मेंथॉल के उपयोग का समर्थन नहीं करते हैं। परंतु इसके बावजूद कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि मेंथॉललगाने के बाद ठंड के लक्षण कम हो जाते हैं।

3. मुख की देखभाल

कभी-कभी हम कुछ ऐसा खा लेते हैं जिस की महक कई घंटों तक हमारे मुंह में बनी रहती है जिस कारण हमारे सांसो से बदबू आती है। और हम जब किसी से भी बात करते हैं तो उस वक्त खुद को असहज महसूस करते हैं यदि ऐसा हो तो मुंह की बदबू को दूर करने के लिए पुदीने के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। पुदीना में रोगाणुनाशक गुण होते हैं इसके पत्तों को चबाने से सांस से मुख से आने वाली बदबू दूर हो जाती है। इसके साथ ही यह मुंह के सारे कीटाणुओं को भी मार देता है। पुदीने की ताज़ी और सूखी पत्तियों को चबाकर खाने से सांसो की दुर्गंध दूर हो जाती है  यदि आपके पास पुदीने की पत्तियां उपलब्ध नहीं है तो, आप पुदीने से बनी गोलियों का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे आपकी सांसों को तरो-ताजा करने में मदद मिल सकती है। पुदीना मुंह के अंदर बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और दातों पर प्लाक जमा होने से भी बचाता है। यही कारण है कि बाजार में इतने सारे टूथपेस्ट में पुदीना बेस टूथपेस्ट भी आते हैं।  

4. चेहरे पर निखार के लिए

पुदीना पिंपल्स तथा दाग धब्बों के इलाज के लिए पुरानी आयुर्वेदिक पारंपरिक जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है।

स्किन एक्सपर्ट की मानें तो, पुदीने के पत्तों में विटामिन ए और सी की भरपूर मात्रा में पाई जाती है जो की हमारी त्वचा में निखार लाने का काम करती है और साथ ही पिंपल्स, मुहांसों और दाग-धब्बों को भी ठीक करने में मदद करती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो त्वचा पर मुहांसों के लिए अद्भुत काम करते हैं पुदीने की पत्तियों में सैलिसिलिक एसिड की उच्च मात्रा होती है जो मुहांसों को कम करने में उत्कृष्ट भूमिका निभाती है। पुदीने का इस्तेमाल हम फेस मास्क के रूप में भी कर सकते हैं। इसके लिए 10-12 पुदीने की पत्तियां ले लें, तथा अब इसमें 1 चम्मच शहद और एक चुटकी हल्दी मिलाएं। अब इस पेस्ट को अच्छे से मिक्स कर लें। और फिर अपनी त्वचा पर लगाएं। और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।

20 मिनट बाद जब ये अच्छी तरह सूख जाए तो, त्वचा को हल्के गर्म गुनगुने पानी से धो लें।

5. अच्छी क्लींजिंग के लिए 

 पुदीने से प्राप्त रस प्रभावी स्किन क्लींजर के रूप में काम करता है एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा मुक्त कण गतिविधि को रोकने में मदद करती है जिससे आप को साफ और युवा त्वचा मिलती है।

इसके लिए 10 पुदीने की पत्ती ले ले, तथा उसमें एक चम्मच दही और आधा चम्मच ऑलिव ऑयल मिला ले। तथा इन सभी चीजों को मिलाकर एक पेस्ट सा तैयार कर ले। अब इस मिश्रण को अच्छी तरह मिक्स कर लें, मिश्रण को करीब 5 मिनट तक मिलाएं। मिलाने के बाद अब आप इसे अपने चेहरे पर लगा ले। लगाने के करीब 20 मिनट के बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें। तथा इसके बाद आप अपनी त्वचा पर मॉश्चराइजर लगाएं।

  • सर्दी जुकाम तथा खांसी में

यदि आप बदलते मौसम में खांसी-सर्दी से परेशान है तो पुदीने की पत्ती का चाय आपको आराम दिला सकता हैं। इसके लिए 10-12 पुदीने कि पत्तियॉ लेकर उसका चाय बना ले, और थोड़ी मात्रा में नमक मिलाकर पीने से आपको खांसी से निजात मिल सकता हैं।

सर्दी जुकाम में परेशान लोगों को पुदीने के पत्ते का उपयोग जरूर करना चाहिए गले में खराश या बंद नाक से परेशान है तो पुदीने का काढ़ा बनाकर पीने से आराम महसूस होता है पुदीने का काढ़ा बनाने के लिए एक कप पानी में 1012 पुदीने के पत्ते डालकर इसे तब तक उबाल लें जब तक की पानी आधा न रह जाए, अब इसे छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

6. पेट दर्द से राहत

यह एक प्राकृतिक कार्मिनेटिव है जो पाचन तंत्र, अपच कि समस्याओं, मोशन तथा पट दर्द और पेट के अन्य विकारों से राहत देता है। इसका उपयोग आंतों और पेट के अल्सर के इलाज में भी किया जा सकता है। ये आंतों की सूजन को कम करने में भी मदद करता है। पुदीने का उपयोग मासिक धर्म में ऐंठन से राहत देता है, क्योकि पुदीने की पत्तियों को रक्त को शुद्ध करनेके लिए जाना जाता है, इसमें मौजूद एंटी-स्पास्मोडिक गुण मांसपेशियों को शांत करते हैं और दर्द से राहत भी देते हैं।

7. गर्मी में लू से से बचने के

गर्मी में लू से बचने की लिए आम के पन्ने का इस्तमाल तो आप लोग करते ही है।  परंतु उसके साथ पुदीना का भी उपयोग किया जाता है। पुदीने से बने रस को पिकर बाहर निकलने से धूप लगने का डर भी कम रहता है।

पुदीने से होने वाले कुछ नुकसान

  • पेपरमिंट ऑयल को बड़ी मात्रा में लेना विषाक्त हो सकता है। पेपरमिंट ऑयल की अनुशंसित खुराक का पालन करना आवश्यक है।
  • शुद्ध मेन्थॉल जहरीला होता है और यह आंतरिक उपभोग के लिए नहीं हैं। धुएं को फैलाने के लिए लोगों को इसे केवल त्वचा या आस-पास की सतह, जैसे तकिए पर ही लगाना चाहिए।
  • शिशु या छोटे बच्चे के चेहरे पर पुदीने का तेल न लगाएं, क्योंकि इससे ऐंठन हो सकती है जो सांस लेने में बाधा उत्पन्न करती है।

निष्कर्ष

जैसा कि आज हमने पुदीने के उपयोग तथा उसके गुण के बारे में जाना। कि हम किस तरह से घरेलू नुस्खे के जरिए होने वाली किसी भी तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। परंतु, यह निर्धारित करने के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें कि आपकी कोई दवा पुदीने या पुदीने के तेल के साथ परस्पर क्रिया कर सकती है या नहीं।

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