मुलेठी

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मुलेठी के अनगिनत फायदे तथा औषधीय गुण

मुलेठी जिसे लीकोरिस नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ग्लाइसीराइज़ा ग्लबरा है ग्लाइसीर्रिजा नाम ग्रीक शब्द ‘ग्लाइकोस’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है  मीठा और ‘राइजा’ शब्द जिसका अर्थ होता है जड़।

यह फैबेसी परिवार से संबंधित सबसे लोकप्रिय औषधीय पौधों में से एक है। मुलेठी का इस्तेमाल सदियों से दादी-नानी करती आ रही है यह समशीतोष्ण क्षेत्रों में उगाई जाने वाली एक बारहमासी जड़ी-बूटी है। उपयोग किए जाने वाले पौधे के भाग धावक और जड़ होते हैं, जो पतझड़ के मौसम में एकत्र किए जाते हैं।

मुलेठी के औषधीय गुण

मुलेठी में पॉलीसेकेराइड, साधारण शर्करा, प्रोटीन, अमीनो एसिड और कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम, लोहा, जस्ता, तांबा, फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और सेलेनियम जैसे खनिज लवणों के स्रोत मौजूद है। इसमें बी1, बी2, बी3, बी5, ई और सी जैसे विटामिन भी होते हैं। मुलेठी में पेक्टिन, स्टार्च,तथा रेजिन पाए जाते है।

जड़ों का मुख्य घटक ग्लाइसीर्रिज़िन होता है। एक ट्राइटरपेनॉयड सैपोनिन, सुक्रोज से 50 गुना अधिक मीठा होता है।

मुलेठी के लाभकारी गुण

यह शरीर को पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है जो कई तरह के त्वचा और सिर के संक्रमणों को दूर करने में मदद करता है और एक स्वस्थ, चमकदार त्वचा और भव्य रूप को प्रदर्शित करता है।

मुलेठी के लाभकारी गुण कुछ इस प्रकार हैं-

कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित

मुलेठी को कायाकल्प कार्डियो-टॉनिक जड़ के रूप में जाना जाता है, यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कुशलता से कम करती है। मुलेठी की जड़ में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट रक्त वाहिकाओं को पतला करने में बेहद असरदार होती हैं।

फायदे के लिए– रोजाना मुलेठी की चाय पिएं। इस मिश्रण को तैयार करने के लिए 10 ग्राम मुलेठी के सूखे जड़ को 300 मिलीलीटर गर्म पानी में डालकर 15 मिनट तक उबालें, तथा मिश्रण के ठंडा होने पर इसका सेवन करें।

बुखार, खांसी तथा गले की खराश में राहत

आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए करते हैं। गले की खराश में इसका उपयोग करना सबसे ज्यादा असरदार होता है। मुलेठी को चबाना गले की खराश का पुराना इलाज है। इसके एक्सपेक्टोरेंट और ब्रोन्कोडायलेटर गुण काली खांसी, अस्थमा, सूखी खांसी और ब्रोंकाइटिस जैसी स्थितियों में मदद करते हैं।

उपयोग की विधि

गले में खराश होने पर- मुलेठी की जड़ को चबाएं, ताकि जड़ों से रस गले तक पहुंच सके और गले की जलन और कर्कश आवाज से राहत मिले।

बच्चों को खांसी आने पर– बच्चों को खांसी आने और जुकाम के इलाज के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण और एक चम्मच शहद मिलाकर बच्चों को दिन में दो बार दें।

नाक और छाती में जमाव होने पर– नाक और छाती में जमाव के लिए मुलेठी की जड़, तुलसी के पत्ते, पुदीना के पत्तों के कुछ टुकड़ों को पानी में उबालकर आयुर्वेदिक काढ़ा बना लें। इस मिश्रण को छान लें और इसका काढ़ा एक चम्मच शहद में मिलाकर पीने से बंद नाक खुल जाती है और छाती में जमाव के कारण होने वाली सूजन भी कम होने लगती है।

पाचन तंत्र मजबूत करने में

मुलेठी एक बेहतरीन पाचक जड़ी बूटियों में से एक है मुलेठी में एंटी-वायरस , एंटी-इंफ्लेमेटरी तथा एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं यह पाचन तंत्र को स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैं । मुलेठी भूख को भी बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुआ है। यह अपच को कम करता है और शरीर में पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को बढ़ावा देता है। कब्ज से राहत तथा पेट में गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर होने से भी रोकता है।

उपयोग की विधि

एक चम्मच पिसी हुई मुलेठी और एक चम्मच गुड़ लें अब इसे एक कप पानी में 3 से 5 मिनट के लिए उबाल लें हल्का ठंडा होने पर इसका सेवन करें।

मुलेठी

वजन कम करने में

मुलेठी पाउडर में फ्लेवोनोइड्स प्रचूर मात्रा में होती है जो शरीर में अतिरिक्त वजन को कम करने में हमारी मदद करती है। फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण जब हम इसे नियमित रूप से लेना शुरू करते हैं तो यह भूख को शांत तथा अधिक खाना खाने से रोकता है और इसीलिए वजन घटाने के आहार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुलेठी पाउडर हमारे शरीर में एलडीएल (कम घनत्व वाले लाइपोप्रोटीन या खराब कैस्ट्रॉल कोलेस्ट्रॉल) के संचय को भी कम करता है जिससे मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है और शरीर को उचित वन वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।

उपयोग की विधि

मुलेठी का काढ़ा या चाय बनाकर दिन में एक से दो बार पिए। ये एक प्राकृतिक चाय (हर्बल टी) का भी काम करेगा।

त्वचा संबंधी बीमारी को दूर रखने में

मुलेठी एंटीऑक्सीडेटिव और स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्व का एक पावर हाउस है यह जड़ी बूटी त्वचा की विभिन्न समस्याओं के उपचार में एक प्रमुख स्थान हासिल किया है। यह प्रभावी रूप से शरीर से मुक्त ऑक्सीजन रेडिकल्स को हटाता है और ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करता है। यह शरीर के आंतरिक परतों से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करता है तथा समग्र त्वचा स्वस्थ को बढ़ावा देता है और एग्जिमा, मुहासे, चकत्ते दाग-धब्बे आदि जैसे विभिन्न त्वचा संक्रमण का इलाज भी करता है। आंखों के नीचे पड़े काले घेरे (डार्क सर्कल्स) को भी कम करने में काफी मदद करता है।

मुलेठी का इस्तेमाल त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई तरह से किया जा सकता है जैसे कि-

उपयोग की विधि

  1. मुलेठी को तेल, पेस्ट या जेल के रूप में जब एक्जिमा वाली जगह पर लगाया जाता है, तो यह त्वचा पर एक शांत सुखदायक अनुभूति प्रदान करता है। यह सूजन वाली खरोंच वाली त्वचा में खुजली, सूजन और लाली को कम करने में भी मदद करता है।
  2. एक चम्मच आंवला और मुलेठी पाउडर में एक चम्मच गुलाब जल या दूध मिलाएं और इसे अपने पूरे चेहरे पर लगाएं। अपनी त्वचा की चमक में सुधार करने के लिए इस फेस पैक का प्रयोग आप वैकल्पिक दिनों में करें।
  3. तैलीय त्वचा के मामले में, गुलाब जल के साथ मुलेठी पाउडर और लाल चंदन पाउडर के पेस्ट का फेस मास्क लगाना सबसे अच्छा है।
  4. रूखी त्वचा के मामले में, 2 बड़े चम्मच मुलेठी पाउडर में कुमकुमदि तैलम की 10 बूंदें मिलाएं और इसे अपने चेहरे पर समान रूप से लगाएं ताकि रंगत में सुधार हो, और दाग-धब्बे और धब्बे कम हो जाएं।

स्तन में दूध का स्राव बढ़ाने के लिए

जैसा कि आप सब जानते हैं बच्चों के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। परंतु कुछ महिलाओं में स्तनपान के दौरान दूध कम बनता है ऐसी महिलाओं को मुलेठी का सेवन करना चाहिए। क्योंकि मुलेठी पाउडर हार्मोन को विनियमित करके स्तन के दूध के उत्पादन का स्राव बढ़ाने में मदद भी करता है।

उपयोग की विधि

एक कप दूध ले तथा इसमें 2-4 ग्राम मुलेठी पाउडर और 5-10 ग्राम मिश्री डाल लें। इस मिश्रण को स्तनपान कराने वाली महिला को रोजाना सुबह-शाम देने से स्तनों में दूध ज्यादा बनने लगता है।

पीरियड्स में होने वाले अत्यधिक रक्त स्राव के लिए

बहुत से लोगों को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द तथा अत्यधिक माञा में रक्त का बहाव होता है। जिससे कि शरीर में खून की कमी तथा कमजोरी महसूस होने लगती है ऐसे में मुलेठी के सेवन से रक्त के स्राव को कम किया जा सकता है।

उपयोग की विधि

1-2 ग्राम मुलेठी का चूर्ण (पाउडर) ले तथा उसमे 10-12 ग्राम मिश्री मिला ले। अब इसे चावल के धोए हुए पानी के साथ सेवन करें।

प्रजनन क्षमता बढ़ाने में

मुलेठी में कामोत्तेजक के गुण पाए जाते हैं जो कि किसी भी व्यक्ति में यौन संबंध बनाने की इच्छा को उत्तेजित करते हैं। जिन लोगों में सेक्स की इच्छा की कमी होती है उन्हें इसका सेवन करने की सलाह दी जाती हैं।

उपयोग की विधि

2 से 4 ग्राम मुलेठी चूर्ण लें अब इसमें देसी घी और शहद मिलाकर दूध के साथ पीए। ऐसा करने से सेक्स क्षमता में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

निष्कर्ष

यह एक आयुर्वेदिक हर्बल उपचार है जो कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है मुलेठी के व्यापक स्वास्थ्य लाभ गले में खराश और खांसी से राहत प्रदान करने में बेहद फायदेमंद होता है। यदि इसकी उचित खुराक ली जाए तो इसके कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हो सकते।

इसके अलावा यदि आप कोई भी स्वास्थ संबंधी दवा ले रहे हैं तो किसी भी तरह का  आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी लेने से पहले आप अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

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